रक्षाबंधन पर सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवान बने निर्भया महिला आश्रय गृह की बहनों के भाई

 


रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शक्ति सदन (निर्भया महिला आश्रय गृह), भोपाल की बहनों ने राखी बाँधकर अपने विशेष भाइयों — सशस्त्र सीमा बल (SSB) के वीर जवानों के साथ यह त्यौहार मनाया।

देश की सीमाओं की सुरक्षा में दिन-रात तत्पर इन वीर सपूतों ने बहनों के लिए अपने स्नेह और सम्मान का परिचय देते हुए उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया। बहनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए SSB द्वारा उनके लिए विशेष बस की व्यवस्था की गई, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।

कार्यक्रम के दौरान बहनों ने जवानों की कलाई पर राखी बाँधी और उनकी लंबी उम्र व सुरक्षा की कामना की। बदले में जवानों ने अपनी बहनों को गिफ्ट और जलपान भेंट कर उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी ।



इस अवसर पर निर्भया फाउंडेशन की निदेशक समर खान, आश्रय गृह की अधीक्षिका इंद्रा मौर्य, केस वर्कर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर भारती नरवरे, केस वर्कर एवं मल्टीपर्पज वर्कर गुलशाद बेगम सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

यह आयोजन केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि उन अनमोल रिश्तों का संदेश है जो खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि दिल और विश्वास से जुड़ते हैं। सशस्त्र सीमा बल के इन जवानों ने नारी सम्मान, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। एसएसबी भारत का एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जो गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है और नेपाल और भूटान से लगती सीमाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इस बल की स्थापना मूलतः विशेष सेवा ब्यूरो के नाम से 1963 में भारत-चीन युद्ध के बाद दुश्मन की कार्रवाइयों के विरुद्ध भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए की गई थी।


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