रघु पांडे ने अपने वक्तव्य में युवाओं से एआई कौशल को सीखने की बात कही। उन्होंने कहा कि भविष्य में लगभग सभी क्षेत्रों में एआई की वजह से बदलाव देखने को मिलेंगे जिसके लिए हमें आज खुद तैयार करने और सीखते रहने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में संतोष चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि पहले जब कम्प्यूटर आया तो उसके लिए पुस्तकें लिखी गईं। इसी क्रम में अब एआई पर अच्छी पुस्तकों की महती आवश्यकता है। इसके अलावा उन्होंने एआई लिटरेचर डेटाबेस बनाने की बात भी कही जिससे बेहतर उपयोग के लिए समृद्ध बनाया जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि एआई लिटरेसी मिशन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक देश के एक करोड़ युवाओं को एआई शिक्षा, अनुसंधान और उद्यमिता में प्रशिक्षित करना है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की प्रो. चांसलर डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नई तकनीकों के अनुरूप सशक्त बनाना और शिक्षा में व्यापक बदलाव लाना है, ताकि भारत का भविष्य और मजबूत हो सके। यह योजना भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन और नीति आयोग के विकसित भारत 2047 विजन के अनुरूप है।
कौशल विकास यात्रा के साथ शुरू हुए इस मिशन को विशेष रूप से तैयार किए गए कौशल रथों के माध्यम से देशभर में ले जाया जा रहा है जहां ये रथ गांव-गांव और शहर-शहर पहुँचकर युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी भविष्य की तकनीकों से परिचित कराएंगे। रथों में एआई से संबंधित शैक्षणिक सामग्री, डेमो और जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान निःशुल्क AI सेमिनार, कार्यशालाएँ, करियर काउंसलिंग सत्र और तकनीकी प्रदर्शन भी आयोजित होंगे। विषय विशेषज्ञ विद्यार्थियों को AI के महत्व, करियर अवसरों और कौशल विकास की भूमिका पर मार्गदर्शन देंगे।
मिशन के तहत व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं :–
- AI उद्यमिता को बढ़ावा: स्टार्टअप्स के लिए इंक्यूबेशन और एक्सीलरेटर प्रोग्राम।
- AI इनोवेशन चैलेंज: युवाओं के लिए प्रतियोगिताएँ और पुरस्कार।
- AI कंटेंट क्रिएशन: डिजिटल और मीडिया टूल्स में प्रशिक्षण।
- AI फॉर गवर्नेंस: जनकल्याण योजनाओं में AI का उपयोग।
- इंडस्ट्री एलाइंड ट्रेनिंग: रोजगार की दृष्टि से उपयोगी कौशल प्रशिक्षण।
शिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी भी इस मिशन का एक प्रमुख हिस्सा है। स्कूल और कॉलेजों में AI लिटरेसी प्रोग्राम चलाए जाएंगे। आईसेक्ट के सभी स्किल नॉलेज प्रोवाइडर्स (SKPs) और फ्रेंचाइजी केंद्रों पर कम से कम 10 निःशुल्क AI सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए शिक्षकों और SKPs को पहले विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि पूरे देश में एक समान गुणवत्ता की शिक्षा सुनिश्चित हो सके।


