दीपावली जैसे खुशी और रोशनी के पर्व पर बड़वानी जिले के सेंधवा शहर पुलिस ने ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने पूरे समाज के सामने पुलिस की मानवीय संवेदना और सामाजिक उत्तरदायित्व का नया रूप रखा।
ग्राम पिसनावल के निवासी एक गरीब मजदूर ने थाना सेंधवा शहर पहुंचकर दुखी मन से बताया कि महाराष्ट्र के चांदवड़ में उसने मेहनत-मजदूरी कर ₹52,000/- कमाए थे। दीपावली पर घर के लिए खरीदारी करने वह अपनी पत्नी के साथ सेंधवा के सदर बाजार आया। तभी भीड़ भरे बाजार में उसकी पत्नी के पास से ₹50,000/- नकद चोरी हो गए। पीड़ित की व्यथा सुनकर थाना प्रभारी निरीक्षक बलजीत सिंह बिसेन ने तत्परता दिखाते हुए मामला दर्ज किया। टीम ने घटना स्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली और संदिग्धों की तलाश के लिए अभियान चलाया।
इसी दौरान, रिपोर्ट दर्ज कराते समय मजदूर दंपति की विवशता और टूटे मन को देखकर SDOP सेंधवा अजय वाघमारे और थाना प्रभारी बिसेन ने यह तय किया कि इस परिवार की दीपावली अधूरी नहीं रहने दी जाएगी। दोनों अधिकारियों ने पुलिस स्टाफ के सहयोग से ₹20,000/- की आर्थिक सहायता राशि जुटाई और उसे पीड़ित परिवार को प्रदान किया। इसके साथ ही दीपावली की मिठाई और पटाखे भी दिए ताकि परिवार उत्सव की खुशियों से जुड़ सके। थाना परिसर में यह दृश्य देख मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। मजदूर ने भाव-विभोर होकर कहा कि "पुलिस मेरे लिए भगवान की तरह आई है।" उसकी पत्नी ने भी विश्वास और कृतज्ञता से पुलिस का आभार व्यक्त किया।
इस पहल ने न केवल पीड़ित परिवार के जीवन में आशा की लौ फिर से प्रज्वलित की, बल्कि समाज में पुलिस की उस संवेदनशील छवि को भी मजबूत किया जो सख्ती के साथ-साथ करुणा और दया से भी परिपूर्ण है।



