श्रमिकों के साथ सरकार कर रही अन्याय : विधायक पंकज उपाध्याय


 

निर्माण श्रमिक के पंजीयन के लिए जन अभियान परिषद को 2017--18 मे  20.54 करोड़ दिए गए । अनुबंध अनुसार कार्य नहीं होने पर फरवरी 2019 में   विभाग द्वारा  पूरे पैसे वापस देने की मांग पर अगस्त 2023 में 2.05 करोड वापस दिए और बताया कि 18.50 करोड 64220 मजदूरों के पंजीयन पर खर्च हो गये । यह जानकारी श्रम मंत्री ने विधायक पंकज उपाध्याय के प्रश्न के उत्तर में दी ।

श्रम मंत्री ने बताया कि 2011 में 17.09 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत थे , जो 2018 में 26.04 लाख तथा जून 2025 तक 17.26 लाख हो गए । वर्ष 2011 से 2018 तक श्रमिकों  की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई , लेकिन 2019 से जून 2025 तक 8.40 लाख की गिरावट हुई । इस अवधि में दुकान स्थापना श्रमिक तथा ठेका श्रमिकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई । दिसंबर 2022 में दुकान स्थापना श्रमिक 21.31 लाख से बढ़कर दिसंबर 2024 में 34.92 लाख हो गए और ठेका श्रमिक 4.26 लाख से 13.03 लाख हो गए ।

महालेखाकार की निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए 2019 से 2022 की के लेखा परीक्षा में कई चौकाने वाले बिंदु उजागर हुए । केंद्र सरकार के निर्देश के बाद भी श्रमिकों के लिए बीमा योजना और पेंशन योजना लागू नहीं की गई , तथा इस मद की राशि को  अन्य मद में खर्च कर दिया गया । एवं 2011 से 2016 की लेखापरीक्षा में जिन कमियों का उल्लेख किया गया था वह सारी कमियां अभी भी यथावत है । जबकि शासन का कहना है कि समस्त कमियों का निराकरण किया गया है । 2019 से 2022 की लेखापरीक्षा में 45 कंडिकाओ में से विभाग द्वारा 15 कंडिका का जवाब दिया गया जिसे महालेखाकार द्वारा नहीं माना गया । 30 कंडिकाओं के बारे में विभाग का कहना है कि कार्यवाही प्रचलन में है ।


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