वक़्फ़ मदीना रुबात (धर्मशाला) इस साल भी भोपाल, सीहोर और रायसेन के हज पर जाने वाले हाजियों को ठहरने के लिए अभी तक नहीं मिली है। विदित हो कि भोपाल रियासत के पूर्व हुक्मरानों के ज़रिए मक्का और मदीना में हाजियों के मुफ़्त ठहरने के लिए इन रुबातों (धर्मशालाओं) का निर्माण करवाया गया था। मदीना रुबात नहीं मिलने से एक हाजी को लगभग 30 हज़ार अतिरिक्त जमा करने होंगे। इस प्रकार भोपाल रियासत के हाजियों को लगभग 03 करोड़ अतिरिक्त जमा करने होंगे।
MP मुस्लिम माइनॉरिटी एसोसिएशन, सिटिज़न वेलफेयर फोरम और मुस्लिम महासभा तंजीमों ने 3 माह पूर्व इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए औक़ाफ़-ए-शाही के जिम्मेदारों को पत्र दिए थे लेकिन उनकी ओर से इस संबंध में कोई भी जवाब नहीं मिला है।
मेमोरेंडम की एक कॉपी आवश्यक कार्यवाही बाबत MP स्टेट वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन जनाब सनवर पटेल साहब को भी दी गई। विदित हो कि आज से दो साल पहले चेयरमैन साहब ने भी औक़ाफ़-ए-शाही को समय सीमा में जवाब के लिए नोटिस जारी किए थे लेकिन उनके विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नज़र नहीं आई।
इस विषय में सोशल एक्टिविस्ट और MP MMA के वक़्फ़ विंग के संयुक्त सचिव एम. आफ़ाक़ द्वारा बताया गया कि मदीना कोर्ट ने मुतवल्लीशिप पर विवाद होने पर सबा अली ख़ान को 3 बार हाज़िर होने के नोटिस दिए और इनके मदीना कोर्ट में पेश नहीं होने के कारण 2016 में औक़ाफ़-ए-शाही की मुतवल्ली सबा अली ख़ान को पोस्ट से सस्पेंड कर दिया और दो वर्षों तक भी औक़ाफ़-ए-शाही के ज़रिए सही पैरवी नहीं करने पर 2018 में सबा अली ख़ान को मुतवल्लीशिप से हटा दिया गया था। मई 2018 में टर्मिनेट करने के बाद भी एक महीने में अपील करने का मौक़ा दिया गया था।


