प्रदेश की यात्री परिवहन व्यवस्था विकसित करने में सामान्य यात्रियों की सुविधा और सुगमता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 

यात्रियों के लिए ऐप पर हो बस की बुकिंग, किराया भुगतान आदि की व्यवस्था
प्रतियोगिता के माध्यम से विकसित करें यात्री परिवहन सेवा का लोगो
अन्य राज्यों की यात्री बस सेवा की बेस्ट प्रैक्टिसेस को भी अपनाया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई मध्यप्रदेश यात्री परिवहन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में यात्री परिवहन व्यवस्था विकसित करने में सामान्य यात्री की सुविधा और सुगमता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। यात्री बसों के आवागमन का प्रबंधन अद्यतन तकनीक का उपयोग कर किया जाए। सामान्यजन की सुविधा के लिए व्हीकल लोकेशनबस के आवागमन की सूचना और किराए संकलन की सुविधा 'ऐप' पर उपलब्ध कराई जाए। नगर निगमों द्वारा संचालित बसोंभारत सरकार द्वारा मिलने वाली ई-बसों को भी एक ही व्यवस्था के अंतर्गत सम्मिलित किया जाए। साथ ही नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित बस व्यवस्था को युक्तियुक्त तरीके से एकीकृत करते हुए नगरीय क्षेत्रों से जुड़े ग्रामीण इलाकों तक आवागमन को सुविधाजनक बनाया जाए। प्रशासनिक अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि बस संचालक अपने वाहन केवल मुनाफे वाले रूट पर ही संचालित नहीं करें। उन्हें जिन रूट्स के परमिट दिए गए हैंवाहन उन ही रूट्स पर ही चलाए जाएंऐसा न करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए। पर्यावरण संरक्षण के लिए यात्री परिवहन में लगी 15 साल या उससे पुरानी बसों को ऑफ रूट किया जाए। अन्य राज्यों में संचालित यात्री बस सेवा व्यवस्था का अध्ययन कर उनकी बेस्ट प्रैक्टिसेस को प्रदेश में अपनाने के लिए भी पहल करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में संचालित होने वाली यात्री परिवहन कंपनी का लोगो डिजाइन करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मंगलवार को मंत्रालय में हुई मध्यप्रदेश यात्री परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के संचालक मंडल की बैठक में दिए। बैठक में परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंहमुख्य सचिव अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में यात्री परिवहन व्यवस्था का संचालन उबरओला के समान बस ऑपरेटरों और मोटर मालिकों के साथ सहभागी आधार पर किया जाएगा। व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। यह प्लेटफार्म देश का प्रथम इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर हैजिसमें व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंगऑटोमेटिक किराया संकलनअलार्ट मॉड्यूलशिकायत निवारण जैसे 18 मॉड्यूल शामिल है। यात्री परिवहन बसों का संचालन इंदौरउज्जैनसागर और जबलपुर क्षेत्र में किया जाएगा। सर्वप्रथम यह व्यवस्था इंदौर और उसके बाद उज्जैन से आरंभ होगी। इससे संबंधित सर्वेक्षणरूट प्लानिंगनिजी ऑपरेटरों के साथ परामर्श जारी है। इंदौर क्षेत्र के अंतर्गत धारझाबुआआलीराजपुरखरगोनबुरहानपुरखंडवा और बड़वानी शामिल होंगे। उज्जैन क्षेत्र में देवासआगर-मालवामंदसौरनीमचशाजापुर और रतलाम को शामिल किया गया है।

बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में इंदौर शहर से 50 कि.मी. परिधि में आने वाले समस्त शहरी और अंतर शहरी रूट पर बसें संचालित होंगी। द्वितीय चरण में इंदौर संभाग के समस्त जिलों तक सुविधा का विस्तार किया जाएगा। द्वितीय चरण में ही उज्जैन और भोपाल शहर से 50 कि.मी. परिधि में आने वाले समस्त शहरी और अंतर शहरी रूट्स पर बसों का संचालन आरंभ होगा। तीसरे चरण में उज्जैन संभाग के सभी जिलों को शामिल किया जाएगा। चौथे चरण में सागर और जबलपुर संभाग के समस्त जिलेपांचवे चरण में भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के समस्त जिलेछठवे चरण में रीवा और शहडोल संभाग के सभी जिले तथा सातवें चरण में ग्वालियर और चंबल संभाग के सभी जिलों तक यात्री परिवहन सेवा का विस्तार किया जाएगा। यात्री किराये का निर्धारण थोक मूल्य सूचकांकश्रम दरईंधन दरपूंजीगत लागत और वर्तमान किराये जैसे कंपोनेंट्स के आधार पर विकसित फार्मूले से किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव संजय दुबेमुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोईअपर मुख्य सचिव मनीष रस्तोगीअपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्लइंदौर संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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