मध्यप्रदेश पुलिस का बड़ा अभियान: गौवंश तस्करी के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई

डीजीपी कैलाश मकवाणा के निर्देश पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत दो माह में 918 गौवंश मुक्त, 193 आरोपी गिरफ्तार

भोपाल, 24 अक्‍टूबर 2025। पुलिस महानिदेशक  कैलाश मकवाणा  के  दिशा‑निर्देशों  के  अनुसार मध्यप्रदेश  पुलिस  ने  गौवंश   तस्करी  के  खिलाफ  प्रदेश भर   में  सतत  और  सशक्त  अभियान  चलाया  है।  पिछले  दो  माह  में  राज्य  भर  में  किए  गए  102  प्रकरणों  में  853  गौवंश  को  मुक्त  कराया  गया है  और  189  आरोपियों  को  गिरफ्तार  कर  तस्करी  में  प्रयुक्त  सैकड़ों  वाहन  जप्त  किए  गए  हैं मुख्यमंत्री  डॉ.  मोहन  यादव  ने  कहा  था कि  “गौमाता  की  सेवा  हमारी  संस्कृति  और  संस्कारों  का   परिचायक  है।  अवैध  गौ‑तस्करी  एवं  गोवंशीय  अपराधों  के  विरुद्ध  कड़ी  कार्रवाई  अनिवार्य  है।  इसी  भावना  के  अनुरूप  पुलिस  महानिदेशक कैलाश मकवाणा  की  जीरो  टॉलरेंस  नीति  के   अधीन  राज्य  भर  में  गौ  संरक्षण  का  यह  सशक्त  अभियान  चलाया  जा  रहा  है।

विभिन्न जिलों की प्रमुख उपलब्धियाँ

सिवनी:  13  कार्रवाइयों  में  170  गौवंश  मुक्त,  25  आरोपी  गिरफ्तार बड़वानी: 11  कार्रवाइयों  में  162  गौवंश  मुक्त

बैतूल:  13  प्रकरणों  में  93 गौवंश  मुक्त,  24  आरोपी  गिरफ्तार

बालाघाट:  11  प्रकरणों  में  93  गौवंश  मुक्त,  24  आरोपी  गिरफ्तार

खरगोन:  17  प्रकरणों  में  73  गौवंश  मुक्त,  24  आरोपी  गिरफ्तार

अन्य जिलों रतलाम, बुरहानपुर, रायसेन, पांढुर्ना, मंदसौर, रीवा, उमरिया, पन्ना, राजगढ़, अनुपपुर, गुना, विदिशा, इंदौर, धार और भोपाल ग्रामीण में भी पुलिस ने सक्रिय तौर पर अभियान  चलाते हुए अनेक तस्करों  को  गिरफ्तार किया। विशेष  रूप  से  भोपाल  ग्रामीण पुलिस  ने  अवैध  गोमांस  परिवहन  के  दो  प्रकरणों  में  7  आरोपियों  को  गिरफ्तार  किया  और  3  पर  राष्ट्रीय  सुरक्षा  अधिनियम (एनएसए)  के  अंतर्गत  कड़ी  कार्रवाई  की।

मुख्यमंत्री  डॉ. यादव  ने  कहा  कि  राज्य  सरकार  गौवंश  संरक्षण  के  लिए  पूरी  तरह  प्रतिबद्ध  है  और  इस  अभियान  से  स्पष्ट  है  कि  मध्यप्रदेश  में  गौ माता  के  विरुद्ध  कोई  भी  अवैध  गतिविधि बर्दाश्त नहीं  की  जाएगी। 

डीजीपी कैलाश  मकवाणा  ने  सभी  जिलों  को  निर्देश  दिया  है  कि  गौवंश  तस्करी  की  सूचना मिलते  ही  तुरंत कानूनी कार्रवाई करें ताकि प्रदेश में गौ संरक्षण और कानून व्यवस्था दोनों  सशक्त  रहें।

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