एम.पी. ट्रांसको के 54 साल पुराने व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर 132 के.व्ही. सबस्टेशन में रिमॉडलिंग कार्य पूर्ण

 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने जबलपुर स्थित डिफेंस क्षेत्र के अपने 54 साल पुराने व्हीकल फैक्ट्री (वी.एफ.जे.) 132 के.व्ही. सबस्टेशन में रिमॉडलिंग का महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण कर लिया है। इससे जबलपुर के पारेषण नेटवर्क को सुदृढ़ता मिली है।

रिमॉडलिंग के फलस्वरूप जहां डिफेंस फैक्ट्रियों को विद्युत प्रदाय में फ्लेक्सिबिलिटी प्राप्त हुई है, वहीं 132 के.व्ही. विनोबा भावे सब-स्टेशन को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। भविष्य में व्हीकल फैक्ट्री सब-स्टेशन से विनोबा भावे सब-स्टेशन को 132 के.व्ही. सप्लाई उपलब्ध कराई जा सकेगी। इस दिशा में डबल सप्लाई व्यवस्था का पहला चरण पूरा हो चुका है।

सिंगल कंट्रोल सिस्टम से मल्टी कंट्रोल सिस्टम में अपग्रेडेशन

एम.पी. ट्रांसको के अधीक्षण अभियंता आर सी शर्मा ने बताया कि 1971 में स्थापित 132 के.व्ही. व्हीकल फैक्ट्री सबस्टेशन में नियंत्रण के लिए पहले केवल एक ही सिस्टम उपलब्ध था। इसके कारण तकनीकी समस्या आने पर पावर ट्रांसफार्मर के साथ 132 के.व्ही. विनोबा भावे लाइन भी बाधित हो जाती थी। मरम्मत या सुधार कार्य के लिए शटडाउन प्राप्त करना कठिन हो जाता था।

अब रिमॉडलिंग (पुनर्निर्माण योजना) के अंतर्गत सबस्टेशन को आधुनिक स्वरूप दिया गया है। दोनों पावर ट्रांसफार्मर और 132 के.व्ही. फीडरों में पृथक-पृथक ब्रेकर लगाए गए हैं। साथ ही बस कप्लर-बे एवं ऑक्सिलरी बस का निर्माण कर ऊर्जीकृत किया गया है। इस व्यवस्था से अब किसी भी तकनीकी दिक्कत या मेंटेनेंस के समय वैकल्पिक बस कप्लर उपलब्ध रहेगा, जिससे विनोबा भावे सबस्टेशन एवं व्हीकल फैक्ट्री में विद्युत आपूर्ति निर्बाध बनी रहेगी।

अधिक करेंट क्षमता वाले कंडक्टर लगाए गए

रिमॉडलिंग के अंतर्गत सबस्टेशन में पहले से लगे कम करेंट वहन क्षमता वाले पुराने ‘पैंथर’ कंडक्टरों को हटाकर अधिक करेंट क्षमता वाले ‘जेबरा’ कंडक्टर स्थापित किए गए हैं। 132 के.व्ही. की मुख्य बस (मेन बस) को भी डबल कंडक्टर व्यवस्था से सुदृढ़ किया गया है। 33 के.व्ही. यार्ड में भी फैक्ट्री प्रबंधन और विद्युत वितरण कंपनी के समन्वय से बिना विद्युत व्यवधान के रिमॉडलिंग कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

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