मध्यप्रदेश की कला और संस्कृति को समर्पित तीन दिवसीय आयोजन “सृजन साधना – कला प्रदर्शनी एवं चर्चा” का भव्य उद्घाटन रवीन्द्र भवन, भोपाल में हुआ । प्रदर्शनी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण के साथ हुआ ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे रहे। विशिष्ट अतिथियों में वरिष्ठ चित्रकार व समीक्षक अशोक भौमिक (दिल्ली), स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के कुलगुरु (डॉ.) विजय सिंह, स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. सितेश कुमार सिन्हा, डॉ. धमेंद्र पारे (निर्देशक, मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय), वरिष्ठ कलाकार पद्मश्री चन्दन भट्टी, देवीलाल पाटीदार, डॉ. चित्रा सिंह (एनसीईआरटी, भोपाल) एवं विनय उपाध्याय (निर्देशक, टैगोर विश्वकला एवं संस्कृति केंद्र, आरएनटीयू) उपस्थित रहे ।
प्रदर्शनी में लगभग 70 चित्रकृतियाँ प्रदर्शित की गईं, जो विविध विषयों और शैलियों का सजीव चित्रण प्रस्तुत करती हैं। इनमें लैंडस्केप, पोर्ट्रेट, पोस्टर कलर पेपर पर कृतियाँ, नेचर कैनवस, एक्रेलिक ऑन कैनवस, एक्रेलिक ऑन पेपर, ग्रामीण जीवन पर आधारित चित्र तथा ऐब्सट्रैक्ट पेंटिंग्स विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। इन कलाकृतियों को सृजित करने में कलाकारों ने विभिन्न माध्यमों जैसे ऑयल पेंटिंग, एक्रेलिक, वॉटर कलर और पोस्टर कलर का प्रभावशाली प्रयोग किया, जिसने प्रदर्शनी को और अधिक जीवंत, रंगीन एवं दर्शनीय बना दिया ।
मुख्य अतिथि संतोष चौबे ने कहा कि “कला केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है, यह समाज की आत्मा और उसकी संवेदनाओं को आकार देती है। कलाकार अपनी रचनाओं के माध्यम से समय, संस्कृति और मानवीय मूल्यों का दस्तावेज़ तैयार करता है। ‘सृजन साधना’ जैसे आयोजन न केवल हमारे वरिष्ठ कला शिक्षकों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी प्रेरित करते हैं कि वे इस सृजनशील परंपरा को आगे बढ़ाएँ। यह प्रदर्शनी गुरु-शिष्य परंपरा और भारतीय कला की गहराई को नए आयाम प्रदान करती है । ”



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