बकरी पालन एवं मुर्गी पालन से दोहरा लाभ प्राप्त कर रहे हितग्राही पवार
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार ने एन.एल.एम. योजना के अंतर्गत आज जिले के विकासखंड परासिया के ग्राम शीलादेही के किसान एवं बकरी पालक अनिल कुमार पवार के गोट फार्म का निरीक्षण किया ।
निरीक्षण के दौरान 143 सिरोही नस्ल की बकरी एवं 21 किड बकरी के बच्चे तथा 5 ब्रीडर बकरा सिरोही नस्ल के उपलब्ध पाए गए। अनिल कुमार पवार के द्वारा बकरी पालन बहुत ही अच्छी तरह से किया जा रहा है तथा उनके द्वारा बकरी पालन के साथ ही देसी एवं कड़कनाथ मुर्गी पालन स्वयं की लागत से किया जा रहा है। अनिल कुमार पवार ने बताया कि 22000 रुपए प्रति माह मुर्गा-मुर्गी बेचकर, गोट फार्म के अलावा अतिरिक्त आय अर्जित हो रही है। यदि किसी को भी कड़कनाथ एवं देसी मुर्गा-मुर्गी खरीदना है, तो अनिल पवार के फार्म हाउस से क्रय कर सकते हैं। बकरियों के बच्चे बड़े होने पर छिंदवाड़ा जिले के जितने भी एन.एल.एम. योजना के अंतर्गत प्रकरण स्वीकृत हुए हैं, उनको बकरी के बच्चे प्रदाय करने के लिये अनिल पवार को सलाह दी और ठंड में बकरियों को किस प्रकार बचाया जा सकता है, इसकी आवश्यक जानकारी उप संचालक डॉ.पक्षवार के द्वारा हितग्राही को दी गई। उप संचालक डॉ.पक्षवार द्वारा अपील की गई है कि जिस तरीके से अनिल कुमार पवार के द्वारा दोहरा लाभ प्राप्त किया जा रहा है बकरी पालन एवं मुर्गी पालन इस प्रकार अन्य कृषक भी बकरी पालन व मुर्गी पालन करके अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
एन.एल.एम. योजना के तहत बकरी फार्म और स्व-वित्तपोषित पोल्ट्री फार्म से प्रेरणा
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार द्वारा हाल ही में अनिल कुमार पवार के बकरी फार्म का दौरा किया गया, जो राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एन.एल.एम.) योजना के तहत संचालित हो रहा है। यह फार्म अपनी बेहतरीन प्रबंधन प्रणाली और पशुओं की देखभाल के लिए सराहनीय है। फार्म में 143 मादा बकरियां, 21 बच्चे और 5 नर प्रजनक बकरे हैं। यह फार्म ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और पशुपालन को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
इसके अलावा श्री अनिल कुमार पवार ने एक स्व-वित्तपोषित पोल्ट्री फार्म भी शुरू किया है, जिससे वे हर महीने लगभग 22,000 की आय अर्जित कर रहे हैं। यह पहल न केवल उनके आर्थिक सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि अन्य ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित भी कर रही है। सरकारी योजनाओं और व्यक्तिगत प्रयासों का यह संयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
